Mangal Bhavan Amangal Hari Lyrics: मंगल भवन अमंगल हारी एक प्रसिद्ध हिंदी भजन है जो भगवान राम के पूजन और स्तुति का वर्णन करता है। यह भजन तुलसीदास कृत "रामचरितमानस" से लिया गया है और इसे भगवान राम के मंदिरों में आम तौर पर गाया जाता है।
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भजन के प्रारंभ में यह लाइनें हैं:
मंगल भवन अमंगल हारी,
द्रवहु सुदसरथ अचर बिहारी।
इसका अर्थ होता है कि मंगलमय और शुभकामनाएँ भवन में प्रवेश करें, जो अचर बिहारी और सुदसरथ के पुत्र राम का निवास है।
इस भजन में भगवान राम के विभिन्न गुणों की महत्वपूर्णता दर्शाई जाती है और यह भक्तों के द्वारा उनके पूजन में गाया जाता है। भगवान राम के गुण और कृपा का वर्णन इस भजन के माध्यम से किया जाता है जो भक्तों को आशीर्वाद और सुख की प्राप्ति में मदद करता है।
"मंगल भवन अमंगल हारी" एक ऐसा भजन है जो भक्तों की आत्मा को शांति और आनंद प्रदान करने का प्रयास करता है और उन्हें भगवान राम के दिव्य गुणों के प्रति आदर्श बनाता है।
मंगल भवन अमंगल हारी बोल
हो, मंगल भवन, अमंगल हारी
द्रबहु सु दसरथ, अजिर बिहारी
आ, राम भगत हित नर्तन धारी
सहे संकट किये साधो सुखारी
सिया राम जय-जय
(राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम)
हो, होइहैं सोई जो, राम रचि राखा
को करि तरक, बढ़ावई साखा
आ, जेहि के जेहि पर सत्य सनेहु
सो तेहि मिलही न कछु सन्देहु
ओ, सिया-राम मय सब जग जानी
करहूँ त नाम जोरि जुग पानी
सिया राम जय-जय
(राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम)
आ, दीन-दयाल विरद सँभारी
हरहूँ नाथ मम संटक भारी
सिया राम जय-जय
(राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम)
तुलसी अपने राम को, रीझ भजो के खीज
उलटो-सुधो भूगिहे, खेत परे को बीज
ओ, राम नाम करि अवित प्रभावा
वेद, पुरान, उपनिषद् गावा
सिया राम जय-जय
(राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम)
आ, जनम-जनम मुनि जतन कराहि
अंत राम कहि आवत नाहि
सीता श्रद्धा देश दी, राम अटल विश्वास
रामायण तुलसी रचित, हम तुलसी के दास
ओ, हरि अनन...
हरि अनन...
हरि अनंत, हरि-हरि अनंत, हरि कथा अनंता
कहहिं-सुनहिं बहुविधि सब संता
राम सिया राम, सिया राम, जय-जय राम
(राम सिया राम, सिया राम, जय-जय राम)
राम सिया राम, सिया राम, जय-जय राम
(राम सिया राम, सिया राम, जय-जय राम)
राम सिया राम, सिया राम, जय-जय राम
(राम सिया राम, सिया राम, जय-जय राम)
राम सिया राम, सिया राम, जय-जय राम
(राम सिया राम, सिया राम, जय-जय राम)
सीता रामचरित अति पावन
मधुर सरस और अति मनभावन
ओ, पुनि-पुनि कितनेहुँ सुनाए
हिय की प्यास बुझत ना बुझाए
रामायण
(राम सिया राम, सिया राम, जय-जय राम) सुर तरु की छाया
(राम सिया राम, सिया राम, जय-जय राम) भये दुख दूर
(राम सिया राम, सिया राम, जय-जय राम) निकट जो आया
(राम सिया राम, सिया राम, जय-जय राम) नाना
(राम सिया राम, सिया राम, जय-जय राम) भाँति आवो अवतरा
(राम सिया राम, सिया राम, जय-जय राम) रामायण सतकोटी अपरा
Mangal Bhavan Amangal Hari Lyrics
Mangal Bhavan Amangal Haari
Drabahu Su Dasharath Achar Bihari
Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram
Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram
Ho.. Hoi Hai Wohi Jo Ram Rachi Raakha
Ko Kari Tarak Badhave Saakha
Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram
Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram
Ho.. Dheeraj Dharam Mirta Aru Naari
Aapad Kaal Parakhiye Chaari
(Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram, Ram
Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram)
Ho.. Jehike Jehi Par Satya Sanehu
So Tehi Milaye Na Kachhu Sandehu
(Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram, Ram
Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram)
Ho.. Jaaki Rahi Bhavana Jaisi
Prabhu Murti Dekhi Teen Taisi
(Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram, Ram
Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram)
Ho.. Raghukul Reet Sada Chali Aayi
Pran Jaaye Par Vachan Na Jaayi
(Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram, Ram
Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram)
Ho.. Hari Ananta Hari Katha Ananta
Kahahi Sunhi Bahuvidhi Sab Santa
(Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram, Ram
Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram)
Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram
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